सद्‍भावना समिति द्वारा किये गये प्रयासों/कार्यों की उपलब्धिया।

1. वर्षो से चली आ रही प्रथा पेट्रोल पम्प पर काले पाइपों की पेट्रोल डालने वाले जो पम्पो पर झगड़े का कारण बनते है उनकी जगह सफ़ेद पारदर्शी पाइपों के लिए बदलाव अभियान जिसमे संस्था को जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा आदेश भी दे दिया गया, लेकिन अब केन्द्र स्तर से बदलाव के लिए प्रयास |



2. मेरठ के ब्राहमपुरी थाने के पास भूमिया के पुल से हापुड़ अड्डे तक  की सड़क जो पिछले लगभग 10 साल से बेकार थी जिसमे आम जनजीवन के साथ व्यापार भी प्रभावित था उसे बनवाने के लिए संस्था सफल रही संस्था द्वारा इसके लिए  केंद्र स्तर से बदलाव के लिए प्रयास |


3. संस्था द्वारा जनहित मे चुनाव में जनप्रतिनिधियों के चुनावों में अधिक से अधिक की जगह दो तिहाई बहुमत के लिए प्रयास बहुत समय से कर रही है अब ये विषय पर केंद्र सरकार द्वारा सोचना शुरू हुआ इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा पत्र को हमे प्रेषित किया गया |

4. शहर में लगातार आवारा पालतू जानवरो द्वारा काटने घायल करने की घटना लगातार बढ़ती रही है इसके लिए संस्था द्वारा विभाग को कुछ सुझाव भी दिए गए हैं जिसमें कुछ काम मे भी लिए गए है जिन पर काम शुरू भी हो गया है |

संस्था के उद्देश्य निम्न्लिखित होंगे :

  1. समाज के सभी वर्ग के उपेक्षित एवं गरीब, बेसहारा वर्ग के विकासन्मुख हेतु हर सम्भव प्रयास करना।
  2. युवाओं / युवतियों के शारीरिक, मानसिक विकास हेतु हैल्थ क्लब, व्यायामशाला, आरोग्य केन्द्रों की स्थापना कर उनका संचालन करना।
  3. सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सचल स्वास्थ्य सेवाओं को निःशुल्क प्रदान करने का प्रयास करना।
  4. समाज को व्याप्त नशा, मद्यपान के सेवन से होने वाली हानि से अवगत कराना एवं बचाव हेतु सुझाव देना।
  5. शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना, शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु विद्यालय, कॉलेज एवं विभिन्न प्रकार के शिक्षण- प्रशिक्षण संस्थानों आदि की स्थापना और उनका संचालन करना ।
  6. समय-समय पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओ जैसे खेल, ज्ञान-विज्ञान एवं गोष्ठियां, सम्मेलनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराना।
  7. संक्रामक रोग जैसे-कोरोना, एड्स, पोलियों आदि के प्रति बचाव हेतु समाज में सुझाव / जानकारी देना।
  8. आपातकालीन परिस्थियों जैसे-भूकम्प, अग्निकांड, बाढ़, महामारी व अन्य प्राकृतिक आपदाओं में पीड़ितों को राहत सामग्री आदि सुविधाये उपलब्ध कराना।
  9. बेरोजगार व्यक्तियों एवं आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना एवं यथा सम्भव सहयोग करना
  10. गरीब एवं बेसहारा व्यक्तियों को निःशुल्क चिकित्सा हेतु चिकित्सा शिविर का आयोजन करना ।
  11. निर्धन व अनाथ बालक/बालिकाओं, विद्यार्थियों, महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने हेतु हस्तशिल्प प्रशिक्षण सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु प्रयास करना।
  12. जनसंख्या नियन्त्रण के लिए कार्यक्रमों का आयोजन कर समाज में जागरूकता अभियान 
  13. जाति, धर्म व भाषा के आधार पर उत्पन्न द्वेष वैमनस्य की भावना को दूर कर राष्ट्रीय एकता की भावना पैदा करना ।
  14. शिक्षा, समृद्धि, स्वास्थ्य, मूल अधिकार, सामाजिक विकास, वैचारिक शुद्धता, क्षेत्र की सुन्दरता, सफाई, वृक्षारोपण आदि हेतु कार्य करना।
  15. महिला सशक्तिकरण के लिए  महिलाओं का समूह द्वारा स्वयं में रोजगार आत्मनिर्भर बनाना |

सद्भावना समिति द्वारा जनहित के लिए मुख्य जानकारी

घरेलू गैस सिलेंडर द्वारा होने वाली घटना से जान माल हानि होने पर एक एल पी जी इंश्योरेंस कवर पॉलिसी

एल पी जी इंश्योरेंस कवर पॉलिसी दिशा निर्देश:-

  1. सिलेंडर द्वारा होने वाली घटना से जान माल की क्षतिपूर्ति के लिए प्रत्येक व्यक्ति की 10 से 50 लाख तक क्षतिपूर्ति दी जाती है|
  2. परिवार के इलाज के लिए अधिकतम 15 लाख प्रॉपर्टी नुकसान पर 2 लाख तक बीमा क्लेम किया जा सकता है |
  3. सिलेंडर खरीदते समय की उसका इंश्योरेंस खुद ही हो जाता है|
  4. सबसे महत्वपूर्ण सिलेंडर खरीदते समय अंतिम लिपि का हमेशा ख्याल रखना चाहिए|
  5. जहां रेगुलेटर लगाया जाता है वहां A,B,C,D  लिखे होते हैं जहां A का मतलब जनवरी से मार्च B का मतलब अप्रैल से जून C का मतलब जुलाई से सितंबर और D का मतलब अक्टूबर से दिसंबर तक होता है
  6. प्रत्येक सिलेण्डर की अंतिम तिथि 3 माह तक की होती है और 3 माह बाद मे खतरनाक हो सकता है तेल कंपनियों की विचरण अनुसार सिलेण्डर को 3 माह तक के अंदर उपयोग कर लेना चाहिए
  7. तेल कंपनियों के अनुसार 3 महीने के बाद में एक्सपायरी डेट के बाद आप बीमा क्लेम नहीं कर सकते |
  8. बीमा लेने के लिए हादसा होने वाली घर की रजिस्ट्री बेनामा होना आवश्यक है क्योंकि इनको ही पंजीकृत माना जाता है उन सभी आवाजों में होने वाली घटनाओ में परिवार के सभी सदस्य नियम के दायरे में आते हैं| 
  9. इन सभी दिशा निर्देशकों की जानकारी संबंधित कंपनियों की Website पर उपलब्ध है|